Masik Mithun Rashifal - मिथुन मासिक राशिफल

Gemini Rashifal

स्वास्थ्य: यह महीना स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से उतार चढ़ाव से भरा रहने की संभावना है। पूरे महीने बृहस्पति महाराज आपके द्वादश भाव में विराजमान रहेंगे और 9 अक्टूबर से वक्री भी हो जाएंगे। महीने की शुरुआत में मंगल महाराज आपके प्रथम भाव में रहकर आपके स्वास्थ्य को पीड़ित बनाएंगे तो महीने की शुरुआत में ही सूर्य, बुध और केतु की युति आपके चौथे भाव में होगी और राहु दशम भाव में होंगे जिससे परिवार के सदस्यों के साथ-साथ आपको भी शारीरिक चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। आपको किसी तरह का संक्रमण होने की संभावना बन सकती है। छाती में दर्द, जकड़न और संक्रमण तथा पेट में गड़बड़ी की समस्याएं आपको विशेष रूप से प्रभावित कर सकती हैं। विषाणु जनित समस्याएं ज्यादा परेशान करने की स्थिति बन रही है इसलिए आपको अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखना चाहिए। शुक्र 13 अक्टूबर को आपके छठे भाव में वृश्चिक राशि में प्रवेश करेंगे और वहां से उनके दृष्टि वक्री अवस्था में बैठे देवगुरु बृहस्पति पर द्वादश भाव में पड़ेगी। इस स्थिति में जो मधुमेह के मरीज हैं उनकी समस्याओं में बढ़ोतरी हो सकती है और अन्य लोगों को स्वास्थ्य से संबंधित समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है इसलिए सतर्क और सजग रहें तथा आवश्यक उपचार करें ताकि कोई बड़ी समस्या आपको परेशान ना कर सके। अपने खान-पान और रहन-सहन में अच्छी आदतों को अपनाने तथा मास्क लगाकर प्रदूषण से बचने का प्रयास करें।

कैरियर: करियर के दृष्टिकोण से यह महीना उतार-चढ़ाव से भरा रहने की संभावना है। पूरे महीने दशम भाव में राहु महाराज विराजमान रहेंगे और दशम भाव के स्वामी बृहस्पति महाराज द्वादश भाव में विराजमान रहेंगे जिससे कार्यक्षेत्र में आपको व्यस्तता का सामना करना पड़ेगा। आपकी भागदौड़ बनी रहेगी और एक पल का भी आराम नहीं मिलेगा। सूर्य बुध की दृष्टि भी महीने की शुरुआत से आपके दशम भाव में रहने वाली है जिससे कार्यक्षेत्र में आपको फूँक-फूँक कर कदम रखना पड़ेगा और किसी से भी व्यर्थ उलझने से बचना होगा नहीं तो चुनौतियां आपके लिए तैयार रहेगी। छठे भाव के स्वामी मंगल महाराज महीने के पूर्वार्ध में आपकी ही राशि में विराजमान रहेंगे जिससे आप खुद झगड़ा करने की प्रवृत्ति महसूस कर सकते हैं। इससे जहां तक संभव हो बचने की कोशिश करें नहीं तो आपको परेशानियों होगी। 20 अक्टूबर के बाद से मंगल दूसरे भाव में चले जाएंगे तब इन स्थितियों में कुछ सुधार आएगा लेकिन आपकी वाणी में कड़वाहट बढ़ेगी इसलिए कार्यक्षेत्र में सबसे प्रेम पूर्वक बोलने की कोशिश करें और माहौल को हल्का बनाए रखें इसी से आपको लाभ होगा। व्यापार करने वाले जातकों के लिए यह महीना उतार-चढ़ाव से भरा रहेगा। सप्तम भाव के स्वामी बृहस्पति महाराज पूरे महीने द्वादश भाव में बैठे रहेंगे जिससे आपको विदेशी माध्यमों से अपने व्यापार में कुछ नए रास्ते दिखाई देने लगेंगे और उससे आपको लाभ होगा। दूर देश और दूर राज्यों से आपको अच्छा लाभ होने की उम्मीद करनी चाहिए। व्यवसाय के लिए आपको कुछ नए तरीकों को अपनाने की आवश्यकता होगी। इसके अतिरिक्त कुछ नए युवा लोगों को अपने काम में मौका देना होगा तब जाकर आपको अच्छी सफलता मिलने की कामना करनी चाहिए।

प्रेम / विवाह / व्यक्तिगत संबंध: यदि आप किसी प्रेम संबंध में हैं तो महीने की शुरुआत बहुत ही खूबसूरत रहने वाली है। आप पंचम भाव के स्वामी शुक्र महाराज पंचम भाव में विराजमान रहकर आपके प्रेम संबंधों को प्रगाढ़ बनाएंगे, उनमें रोमांस का तड़का लगाएंगे और आपको रूमानियत से भर देंगे। आप दोनों के बीच अंतरंग संबंधों की बढ़ोतरी होगी। आप अपने प्रेम संबंध को पूरी तरह से स्वीकार करेंगे और आपके प्रियतम भी आपको अपना मान लेंगे इससे आपके बीच अच्छी बॉन्डिंग भी हो जाएगी और आपका प्रेम जीवन खुशनुमा हो जाएगा। 10 अक्टूबर से बुध भी पंचम भाव में आकर इस प्रेम को और बढ़ाएंगे लेकिन 17 अक्टूबर से सूर्य के पंचम भाव में आ जाने से अहम का टकराव बढ़ सकता है। फिर 13 अक्टूबर से शुक्र भी आपके छठे भाव में चले जाएंगे जिससे कुछ तनाव बढ़ने की स्थिति रहेगी और 20 अक्टूबर से मंगल कर्क राशि में दूसरे भाव में जाकर वहां से चतुर्थ दृष्टि पंचम भाव पर डालेंगे जिससे अहम का टकराव, कहासुनी, लड़ाई झगड़े की स्थिति बन सकती है। इस प्रकार कहा जाए तो महीने का पूर्वार्ध आपका प्रेम संबंध को मजबूत बनाएगा उसी के सहारे आपको पूरा महीना बिताना चाहिए। लेकिन महीने का उत्तरार्ध कुछ कमजोर रह सकता है जिस पर आपको ध्यान देने की आवश्यकता होगी। यदि विवाहित जातकों की बात की जाए तो महीने की शुरुआत में मंगल प्रथम भाव में बैठकर आपके सप्तम भाव को पूर्ण सप्तम दृष्टि से देखकर आप और आपके जीवनसाथी के बीच वैचारिक मतभेद को बढ़ा सकते हैं। सप्तम भाव के स्वामी देवगुरु बृहस्पति महीने की शुरुआत से अंत तक आपके द्वादश भाव में बने रहेंगे। वह स्थिति भी आपके वैवाहिक जीवन के लिए अनुकूल नहीं कहीं जा सकती है और 9 अक्टूबर से बृहस्पति महाराज वक्री अवस्था में भी आ जाएंगे इसलिए वैवाहिक जीवन को संभालना और एक दूसरे से प्रेम पूर्वक व्यवहार करना आपके लिए आवश्यक होगा जो की मंगल के कर्क राशि में 20 अक्टूबर को जानने के बाद आपके लिए मुश्किल हो जाएगा इसलिए यदि आप अपने रिश्ते को संभालना चाहते हैं तो संयम और संतुलन से आपको इस समय को साधने की कोशिश करनी होगी। अन्यथा समस्याएं बढ़ सकती हैं।

सलाह: आपको श्री विष्णु सहस्रनाम स्तोत्र का प्रतिदिन पाठ करना चाहिए। यदि आप जीवन में तरक्की प्राप्त नहीं कर पा रहे हैं तो आपको किन्नरों से आशीर्वाद लेना चाहिए। शनिवार के दिन शनि मंदिर जाकर साफ सफाई का काम करें। शुक्रवार के दिन स्फटिक की माला से श्री महालक्ष्मी मंत्र का जाप करना आपको आर्थिक चुनौतियों से बाहर निकलने में मददगार बनेगा।

सामान्य: यह महीना आपके लिए उतार-चढ़ाव से भरा महीना रहने की संभावना है। आपको कई मामलों में सावधानी से गुजरना होगा। पारिवारिक मसलों पर ध्यान देना बेहद आवश्यक होगा क्योंकि पारिवारिक जीवन में उथल-पुथल मची रहने की संभावना है। जहां तक आर्थिक स्थिति का सवाल है तो वह माध्यम रूप से आपको धन प्राप्ति के योग दिखाती है। महीने के पूर्वार्ध में समस्याएं अधिक रहेंगी। उत्तरार्ध में आमदनी में बढ़ोतरी हो सकती है। कोई ना कोई खर्चा आपका लगा रहने की संभावना है। लंबी यात्राएं थका देने वाली होगी। नौकरी में कठिन चुनौतियां आपका स्वागत करेंगी तो व्यापार करने वाले जातकों को विदेशी माध्यमों से अच्छा लाभ मिलने की संभावना है। विद्यार्थी वर्ग के लिए महीने का पूर्वार्ध अच्छा रहेगा और उसमें आपको अपनी शिक्षा में अच्छी सफलता मिल सकती है। प्रेम प्रसंग के लिए भी महीने का पूर्वार्ध ज्यादा अनुकूल है। रिश्ते में प्रगाढ़ता आएगी। वैवाहिक जीवन व्यतीत कर रहे जातकों को कुछ चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। स्वास्थ्य को लेकर भी आपको समस्याओं का सामना करने के लिए तैयार रहना चाहिए लेकिन आपका आत्म बल इतना कमजोर नहीं है। आप हर समस्या का डटकर सामना करेंगे जिससे बहुत सारी चुनौतियों से आसानी से बाहर भी निकल आएंगे।

वित्त: यदि आपकी आर्थिक स्थिति को देखा जाए तो महीने की शुरुआत में शुक्र महाराज आपके पंचम भाव में बैठकर एकादश भाव को पूर्ण सप्तम दृष्टि से देखेंगे और वक्री शनि महाराज नवम भाव में बैठकर भी एकादश भाव को देखेंगे इससे आपकी आर्थिक स्थिति में मजबूती बनी रहेगी। आपको धन प्राप्ति होती रहेगी लेकिन बृहस्पति महाराज के द्वादश भाव में विराजमान रहने से खर्च भी लगातार बने रहेंगे और 9 अक्टूबर से बृहस्पति के वक्री हो जाने के बाद खर्चों में अप्रत्याशित बढ़ोतरी के संकेत मिलते हैं इसलिए आपको इस महीने खर्चों पर विशेष रूप से ध्यान देना होगा। उसके बाद 13 अक्टूबर से शुक्र आपके छठे भाव में जाकर खर्चों को और ज्यादा बढ़ा देंगे लेकिन बुध और सूर्य पंचम भाव में जाकर आपके द्वादश भाव को देखकर आपकी आमदनी को बढ़ाने की कोशिश करेंगे। एकादश भाव के स्वामी मंगल महाराज 20 अक्टूबर से दूसरे भाव में जाकर धन संचय करने में कुछ हद तक मदद कर सकते हैं इसलिए आपको अपने धन को सही तरीके से इस्तेमाल करना चाहिए ताकि आर्थिक चुनौतियों में कमी रह सके। यदि आप कोई व्यापार करते हैं तो विदेशी माध्यम से आपको धन लाभ हो सकता है जिससे आपकी आर्थिक स्थिति में अच्छा सुधार देखने को मिलेगा।

पारिवारिक: यह महीना पारिवारिक तौर पर उतार-चढ़ाव से भरा रहने वाला है। महीने की शुरुआत में चौथे भाव में सूर्य, केतु और बुध विराजमान होंगे और दशम भाव में राहु की उपस्थिति होगी। इसके अतिरिक्त मंगल की दृष्टि भी चतुर्थ भाव पर होगी जिससे पारिवारिक जीवन में तनाव और टकराव की स्थितियां हो सकती हैं। परिवार के बुजुर्गों विशेष रूप से आपके माता-पिता को स्वास्थ्य समस्याएं पीड़ित कर सकती हैं। द्वादश भाव में बैठे देवगुरु बृहस्पति की दृष्टि चतुर्थ भाव पर होने से कुछ समस्याओं में कमी रहेगी लेकिन वह भी 9 अक्टूबर से वक्री हो जाएंगे तो आपको अपने परिवार के सदस्यों का और उनके स्वास्थ्य का ध्यान देना होगा। घर की अशांति को दूर करने के लिए आपको हर संभव प्रयास करने की आवश्यकता पड़ेगी। 10 अक्टूबर से बुध तुला राशि में आपके पंचम भाव में जाएंगे और सूर्य भी 17 अक्टूबर से तुला राशि में चले जाएंगे इससे कुछ हद तक आपको पारिवारिक संबंधों में तनाव में कमी महसूस होगी। लेकिन 20 अक्टूबर से मंगल कर्क राशि में आपके दूसरे भाव में जाएंगे जिससे आपकी वाणी में कड़वाहट बढ़ेगी और कुटुंब के लोगों से कहासुनी और तनाव बढ़ सकता है इसलिए इस पूरे महीने आपको पारिवारिक जीवन पर विशेष रूप से ध्यान केंद्रित करना होगा। जहां तक आपके भाई बहनों का सवाल है वह आपके साथ सहयोग करेंगे और आपकी हर संभव सहायता करेंगे। एक अच्छे भाई-बहन के रूप में वे आपके हम साथी और हमराही बनेंगे और आपको हर चुनौती से बाहर निकालने में मदद करेंगे।