Masik Simha Rashifal - सिंह मासिक राशिफल

Leo Rashifal

स्वास्थ्य: यह महीना स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से कुछ कमजोर रहने की संभावना है। आपकी राशि स्वामी सूर्य महाराज महीने की शुरुआत में आपके दूसरे भाव में बुध और केतु के साथ विराजमान रहेंगे और अष्टम भाव में बैठे रहु महाराज दशम भाव में बैठे बृहस्पति और एकादश भाव में बैठे मंगल की पूर्ण दृष्टि उन पर होगी जिससे स्वास्थ्य समस्याओं की स्थिति बिगड़ सकती है। आपको आंखों से संबंधित समस्या या पेट से संबंधित बीमारियां परेशान कर सकती हैं। महीने के उत्तरार्ध में सूर्य तुला राशि में आपके तीसरे भाव में चले जाएंगे। तब इन समस्याओं में कमी आएगी और बुध भी यहां से निकल जाएंगे। तब स्थितियां काफी हद तक आपके नियंत्रण में आ सकती हैं। हालांकि मंगल के द्वादश भाव में चले जाने से रक्त जनित समस्याएं अनियमित रक्तचाप और किसी तरह की चोट लगना आदि समस्याएं परेशान कर सकती हैं इसलिए आपको स्वास्थ्य पर नजर बना कर रखती है और अच्छा भोजन करना चाहिए, जिससे आप तंदुरुस्त बने रह सकें।

कैरियर: करियर के दृष्टिकोण से यह महीना अच्छी उपलब्धि लेकर आ सकता है। इस महीने आपके दशम भाव के स्वामी शुक्र महाराज महीने की शुरुआत में तीसरे भाव में रहेंगे और 13 अक्टूबर से आपके चतुर्थ भाव में आकर दशम भाव को पूर्ण सप्तम दृष्टि से देखेंगे। जिससे नौकरी में आपकी स्थिति अच्छी रहेगी। आपके आसपास का माहौल भी बढ़िया रहेगा। दशम भाव में देवगुरु बृहस्पति भी विराजमान रहेंगे। इससे आपके आसपास के लोग आपको सहयोग देंगे। आपके सहकर्मियों का सहयोग भी आपके काम में रहेगा जो आपको अच्छा प्रदर्शन करने में मददगार बनेगा। 9 अक्टूबर से इसी दशम भाव में देवगुरु बृहस्पति वक्री अवस्था में आ जाएंगे। जिससे आपको और अधिक मेहनत करनी होगी और अपने निर्णय को बार-बार जांचना होगा। हालांकि इससे आपको यह लाभ होगा कि आपके काम में और अधिक सुधार देखने को मिलेगा तथा आपको प्रशंसा प्राप्त होगी। आपको इस महीने पदोन्नति मिलने के प्रबल योग बनेंगे। इसके साथ ही आपकी तनख्वाह में वृद्धि भी हो सकती है। यदि आप सरकारी क्षेत्र में काम करते हैं तो आपके लिए यह महीना और भी अधिक लाभदायक साबित होने वाला है। शनि महाराज पूरे महीने वक्री अवस्था में सप्तम भाव में विराजमान रहेंगे, जो आपको आपकी नौकरी में एक अच्छा मुकाम प्रदान करने में मददगार बनेंगे। यदि आप कोई व्यापार करते हैं तो आपके लिए भी यह महीना अच्छा रहेगा। शनि महाराज वक्री अवस्था में सप्तम भाव में अपनी ही राशि के होकर विराजमान रहेंगे। इससे आपको यह फायदा होगा कि आप अनुशासित रहकर अपना काम बेहतर तरीके से कर पाएंगे और अपने नियमों का कड़ाई से पालन करना आपको पसंद आएगा। जिससे आपको कुछ अच्छे परिणामों की प्राप्ति हो सकती है। हालांकि आपको अपने अधीन काम करने वाले लोगों से अच्छा व्यवहार करना होगा। तभी आपको शनिदेव अच्छा प्रणाम प्रदान करेंगे। आपके व्यापार में उन्नति धीरे-धीरे होगी, लेकिन पक्के तौर पर होगी इसलिए थोड़ा धैर्य और सामंजस्य बनाए रखें। व्यापार सही दिशा में उन्नति करेगा।

प्रेम / विवाह / व्यक्तिगत संबंध: यदि आपके प्रेम और वैवाहिक जीवन की बात की जाए तो पंचम भाव के स्वामी बृहस्पति महाराज पूरे महीने आपके दशम भाव में विराजमान रहेंगे और मंगल महाराज की दृष्टि महीने की शुरुआत में आपके पंचम भाव में रहेगी, जिस रिश्ते में तनाव बढ़ेगा। आप कुछ ऐसी बातें कह सकते हैं जो आपकी प्रियतम के दिल में तीर की तरह चुभ सकती हैं। आप कड़वे वचन भी बोल सकते हैं। कई बार ऐसे शब्द रचना कर सकते हैं, जो उन्हें अच्छे से समझ में ना आए। इस सभी स्थिति से बचने के लिए उनसे कम बातचीत करें और जितना बोले साफ और स्पष्ट बोले। इससे बात का बतंगड़ नहीं बनेगा और कोई वाद विवाद नहीं बढ़ेगा और आपका रिश्ता ठीक-ठाक चलता रहेगा। पंचम भाव के स्वामी बृहस्पति महाराज 9 अक्टूबर से वक्री हो रहे हैं यह समय कुछ हद तक आपको सफलता देगा। आपके प्रेम जीवन को नयापन देगा। आप अपने प्रियतम के साथ अपने भविष्य के सपने सजाएंगे और उनको खुश रखने के लिए बहुत सारे प्रयास भी करेंगे। जिससे धीरे-धीरे आपके रिश्ते में प्रेम लौट आएगा। यदि विवाहित जातकों की बात करें तो पूरे महीने शनि महाराज अपनी ही राशि कुंभ में वक्री अवस्था में सप्तम भाव में विराजमान रहेंगे। इसके अतिरिक्त महीने की शुरुआत में किसी भी ग्रह की दृष्टि सप्तम भाव पर नहीं रहेगी, जिससे आप अपने वैवाहिक जीवन में एक संतुलन बनाकर रहेंगे और इससे परिस्थितियां नियंत्रण में रहेंगी। आपका आपके जीवनसाथी के माध्यम समरसता और प्रेम का भाव बढ़ेगा। आप साथ मिलकर अपनी जिम्मेदारियों को पूरी तरह से निभाएंगे और अपने वैवाहिक जीवन को और बेहतर बनाने की दिशा में प्रयास करेंगे, लेकिन 20 अक्टूबर से मंगल द्वादश भाव में जाकर अपनी अष्टम दृष्टि से आपके सप्तम भाव पर दृष्टि डालेंगे। जिससे जीवनसाथी को स्वास्थ्य समस्याएं परेशान कर सकती हैं और उनके व्यवहार में भी चिड़चिड़ापन बढ़ सकता है। इससे आपके वैवाहिक जीवन में तनाव बढ़ेगा। उधर राहु महाराज अष्टम भाव में पूरे महीने रहने वाले हैं और महीने की शुरुआत से ही सूर्य बुध केतु दूसरे भाव में रहकर उन पर दृष्टि डालेंगे। जिससे आपके परिवार और आपके ससुराल के लोगों के बीच कुछ मध्यस्थता की आवश्यकता पड़ेगी। अन्यथा आपस में वाद विवाद बढ़ सकता है। महीने के उत्तरार्ध में इन स्थितियों में कमी आएगी इसलिए आपको थोड़ा सा संभल का रहना होगा और जब कोई ऐसी बात हो तो आपको समझदारी दिखाते हुए मामले को शांत करने का प्रयास करना होगा। ऐसा करने से आपका वैवाहिक जीवन ठीक-ठाक रहेगा।

सलाह: आपको बृहस्पतिवार के दिन केला नहीं खाना चाहिए बल्कि चार केले किसी ब्राह्मण अथवा विद्यार्थी को खाने के लिए देना चाहिए। आपको अपने गले में एक सोने का सूर्य सोने की चेन अथवा लाल रंग के धागे में रविवार के दिन प्रातः काल 8:00 बजे से पूर्व धारण करना चाहिए। आपको मंगलवार के दिन श्री हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए। आपके लिए सर्वोत्तम होगा यदि आप मंगलवार के दिन किसी मंदिर में तिकोना ध्वज लगाएं।

सामान्य: यह महीना आपके लिए मिले-जुले परिणाम लेकर आने वाला है। जहां तक आपके करियर का प्रश्न है तो नौकरी करने वाले जातकों को अनेक प्रकार के शुभ परिणाम प्राप्त हो सकते हैं। इस महीने न केवल आपको पदोन्नति मिल सकती है, बल्कि आपकी तनख्वाह में वृद्धि के योग भी बनने वाले हैं। सरकारी क्षेत्र के लोगों को भी अच्छा लाभ मिल सकता है। व्यापार करने वाले जातकों को अपने दिशा निर्देशों को कड़ाई से पालन करवाना होगा इससे आपको और बेहतर नतीजे की प्राप्ति होगी और आपका व्यापार भी अच्छी प्रगति करेगा। प्रेम संबंधों में उतार-चढ़ाव के बावजूद रिश्ते में प्रेम बढ़ाने के योग बनेंगे, लेकिन अपने व्यवहार को नियंत्रण में रखना आवश्यक होगा। वैवाहिक संबंधों के लिए कुछ चुनौतीपूर्ण समय रहेगा फिर भी आप अपनी समझदारी से स्थिति को संभाल पाएंगे। स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से यह महीना कमजोर रहने की संभावना है और आप बीमारी की चपेट में आ सकते हैं। मानसिक रूप से तनाव आपको विशेष रूप से प्रभावित करेगा। पारिवारिक जीवन में हलचल मची रहेगी। कुछ समय के लिए शांति आ सकती है, लेकिन आपको स्थितियों पर ध्यान देना होगा। विद्यार्थी वर्ग के लिए यह महीना कुछ कर दिखाने का महीना है। अपनी कमर कास लें और भरपूर मेहनत करें। विदेश जाकर पढ़ने का सपना देखने वालों की इच्छा महीने के उत्तरार्ध में पूरी हो सकती है और अन्य जातकों को भी विदेश जाने में सफलता मिल सकती है।

वित्त: यदि आपकी आर्थिक स्थिति को देखा जाए तो महीने की शुरुआत में मंगल आपकी एकादश भाव में विराजमान रहकर आपकी आर्थिक स्थिति को उत्तम बनाएंगे। देवगुरु बृहस्पति की दृष्टि दूसरे भाव पर रहेगी, जहां पर सूर्यपुत्र केतु होंगे। जिससे आर्थिक स्थितियां बेहतर रहेगी, लेकिन महीने के उत्तरार्ध में इन स्थितियों में कुछ कमी आएगी। मंगल 20 अक्टूबर से द्वादश भाव में जाकर आपके खर्चे के योग बनेंगे। उधर राहु पूरे महीने अष्टम भाव में रहकर अवांछित यात्राएं और फिर जल खर्च करेंगे। इसलिए आपको कोई बड़ी चुनौती तो नहीं महसूस होगी। आपकी आमदनी भी ठीक रहेगी। जिससे आप हर संभव बचत करने की कोशिश भी करेंगे और उसमें काफी हद तक कामयाब भी रहेंगे। बस आपको अपने अनियंत्रित खर्चों और फिजूल की यात्राओं से बचना चाहिए। इससे बहुत हद तक धन को बचा पाएंगे और आर्थिक स्थिति को बेहतर बना पाएंगे।

पारिवारिक: यह महीना पारिवारिक तौर पर सावधानी से चलने वाला महीना है। चतुर्थ स्थान के स्वामी मंगल महाराज महीने की शुरुआत में एकादश भाव में रहेंगे। जिससे पारिवारिक संपत्ति की वृद्धि होगी। संपत्ति के क्रय विक्रय से लाभ होगा और परिवार में एकरूपता रहेगी देवगुरु बृहस्पति भी महीने की शुरुआत में दशम भाव में बैठकर चतुर्थ भाव को पूर्ण सप्तम दृष्टि से देखेंगे और आपके दूसरे भाव पर भी उनके दृष्टि रहेगी। जिससे पारिवारिक समरसता बनी रहेगी लेकिन महीने की शुरुआत में दूसरे भाव में बुध केतु और सूर्य जैसे ग्रह विराजमान होने के कारण आपके कुटुंब में आपस में कहासुनी होने तनाव बढ़ने और किसी बात पर एक मत ना होने के कारण समस्याएं जन्म ले सकती हैं। हालांकि देवगुरु बृहस्पति की दृष्टि इसको संभालने की कोशिश करेगी लेकिन 9 अक्टूबर से बृहस्पति भी वक्री हो जाएंगे तो स्थितियां बिगड़ सकती हैं। इसके बाद बुद्ध 10 अक्टूबर को और सूर्य 17 अक्टूबर को आपके तीसरे भाव में चले जाएंगे। जिससे इन समस्याओं में कुछ हद तक कमी आएगी और घर का माहौल सुधरेगा, लेकिन चौथे भाव के स्वामी मंगल अपनी नीच राशि कर्क में 20 अक्टूबर को आपके द्वादश भाव में चले जाएंगे, जिससे आपके घर से दूर जाने या विदेश यात्रा के योग बन सकते हैं। आपके पारिवारिक समस्याएं कुछ हद तक कम होंगी, लेकिन आपको परेशान करती रहेगी। आपको अपने भाई बहनों से सुख मिलेगा। आप उनकी भलाई के लिए विचार करेंगे और उनकी मदद करेंगे। उनसे आपका व्यवहार मधुर बना रहेगा पिताजी और माताजी के स्वास्थ्य में भी सुधार रहेगा इसलिए कोई बड़ी चिंता की बात नहीं रहेगी।